24th September 2023, Mumbai: अगर जाने माने मलयालम फिल्म निर्माता की बात की जाए तो उनमें एक नाम जरूर सुनने को मिलेगा, के जी जॉर्ज। इन्होंने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री को एक नई पहचान दी आपने फिल्मो के जरिए, मलयालम कल्चर को बडी बारीकियत से और सुंदरता से दिखाने की काला के साथ। मगर हाल ही में मलयालम फिल्म इंडस्ट्री ने अपने इतने बड़े स्टार को खो दिया। 24 सितंबर 2023, संडे को के जी जॉर्ज ने अपनी आखिरी सांसे लि और इस दुनिया को अलविदा कहा। उनकी यादें आज भी उनके परिवार, और फिल्मों द्वारा जीवित रहेंगी।
के जी जॉर्ज का जन्म 24 मई, 1946 को केरल के पथानामथिट्टा जिले के एक शांत शहर तिरुवल्ला में हुआ था। कच्ची उम्र से ही उनकी फिल्म और टेलीविजन की दुनिया में काफी रुचि रही है। अपने इस ख्वाब को हकीकत बनाने के लिए क जॉर्ज ने भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान (FTII), पुणे से अपनी ग्रेजुएशन की और अपनी फिल्मी करियर की जर्नी शुरू की महान फिल्म निर्माता रामू करियात के सहायक के रूप में।
1975 तक के जी जॉर्ज ने अपने हुनर से अपने आप को फिल्म निर्माता और स्क्रीनटाइटर के रूप में अव्वल दर्जे पर ला खड़ा किया। उनकी कुछ शानदार फिल्मे जो अब तक उनके फैंस द्वारा सिरहाई जाति है, उन लाजवाब फिल्मों के नाम है, स्वप्नदानम, यवानिका, पंचावड़ी पालम, इराकाल, उलकादल, कोलंगल, मेला, लेखायुदे मरनम ओरु फ्लैशबैक, एडमिन्टे वारियेलु,और ई कन्नी कूडी। उनकी फिल्म स्वप्नदानम लोगो को काफी पसंद आई थी, इस फिल्म ने के जी जॉर्ज को व्यावसायिक सफलता और आलोचनात्मक प्रशंसा मिली साथ ही इस फिल्म के लिए उन्हे दो बार केरला स्टेट फिल्म अवार्ड और एक बार नेशनल फिल्म अवार्ड से सम्मानित किया गया। इतना ही नहीं बल्कि के जी जॉर्ज को जे. सी. डेनियल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार केरल सरकार के सर्वोच्च सम्मानों में से एक है। मलयालम सिनेमा में योगदान के लिए, पर शानदार फिल्मे देने के लिए के जी जॉर्ज को केरला सरकार की ओर से यह सम्मान दिया गया था। के जी जॉर्ज ने 24 सितंबर को कक्कानाड में एक वृद्धाश्रम में अंतिम सांस ली। बताया जा रहा है की उनका स्ट्रोक के लिए इलाज चल रहा था।