7th April, 2023 Mumbai: विद्या बालन बॉलीवुड की टैलेंटेड एक्ट्रेस में से एक हैं. उन्होंने साउथ से लेकर बॉलीवुड तक कई बेहतरीन फिल्मों में काम किया है और अपने संजीदा अभिनय का लोहा भी मनवाया है. वैसे कम ही लोग जानते हैं कि विद्या बालन के पैरेंट्स उनके करियर ऑप्शंस को लेकर जरा भी श्योर नहीं थे. एक सख्त साउथ इंडियन फैमिली से आने की वजह से विद्या के लिए अपने पैरेंट्स को अपने फिल्मों में काम करने के लिए राजी करना काफी मुश्किल था.
दिलचस्प बात ये है कि विद्या ने खुलासा किया कि उन्हें कहीं न कहीं लगता है कि उनकी मां ने खुद एक एक्ट्रेस बनने का सपना संजोया था और वह उन्हें दे दिया. उन्होंने ये भी शेयर किया कि जब ‘तेजाब’ रिलीज हुई थी तब वह आठ साल की थीं और फिल्म के सॉन्ग ‘एक दो तीन’ में माधुरी दीक्षित का डांस देखकर वह मंत्रमुग्ध हो गई थीं.
विद्या का पहला टीवी शो ‘हम पांच’ था
अपने कॉलेज के दौरान टीवी शो के ऑडिशन को याद करते हुए विद्या ने जोर देकर कहा, “हालांकि पहला शो जिसके लिए मुझे साइन किया गया था उसमें कभी काम नहीं किया. तभी मुझे ‘हम पांच’ मिला. मेरे माता-पिता इसके लिए ओके थे क्योंकि उन्हें लगा कि टीवी एक सेफ ऑप्शन है और शो एक कॉमेडी और एक क्लीन फैमिली वॉच है. उन्होंने आगे कहा, “पीछे मुड़कर देखें तो मुझे लगता है कि सब कुछ ठीक रहा. शो छोड़ने के बाद मैंने एड फिल्में करना शुरू किया और यह मेरे फेवर में रहा. मुझे लगता है कि अगर मैंने टीवी नहीं छोड़ा होता तो मैं कोई और काम नहीं कर रही होती.”
एक फिल्म कैंसिल होने के बाद कहा जाने लगा था ‘मनहूस’
विद्या ने और डिटेल देत हुए ये भी बताया कि उन्हें मोहनलाल के साथ एक मलयालम फिल्म में एक रोल ऑफर किया गया था लेकिन दुर्भाग्य से प्रोजेक्ट कैंसिल कर दिया गया. इसके अलावा उन्हें कई दूसरे प्रोजेक्ट्स के लिए इनफॉर्मली अप्रोच किया गया था लेकिन एक बार जब रद्द की गई फिल्म के बारे में रूमर्स फैलने लगीं तो उन्हें “मनहूस” के रूप में लेबल किया गया और इस वजह से उनके हाथ से कई प्रोजेक्ट निकल गए.
विद्या का खुद पर से उठ गया था विश्वास
भूल भुलैया एक्ट्रेस ने आगे कहा, “उन्हें इस बात का एहसास नहीं था कि इंडस्ट्री मुश्किल दौर गुजर रही है. मुझे मनहूस कहा जाता था और उसकी वजह से मेरा खुद पर से विश्वास उठ गया. यह कठिन समय था और मुझे बहुत सारे रिजेक्शन का सामना करना पड़ा. हालांकि मैं अभी भी एड फिल्में कर रही थी. मैं प्रदीप सरकार से मिली और पहले दिन उन्होंने मुझसे कहा कि मैं तुम्हारे साथ एक फिल्म बनाऊंगा. इसलिए ‘परिणीता’ को चुनने का कोई सवाल ही नहीं था, फिल्म ने मुझे चुना. ”