कल 09 अप्रैल 2024 को जब राजकुमार राव की आगामी फिल्म SRIKANT का धमेदार ट्रेलर रीलीज हुआ तो सब यही जानना चाहते है की आखिर ये बायोपिक जिस व्यक्तित्व पर बनी है वह श्रीकांत असल में है कौन।
राजकुमार राव ने इस फिल्म में जिनका किरदार निभाया है उनका पूरा नाम है श्रीकांत बोला है। श्रीकांत का जन्म 7 जुलाई 1991 को आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम में हुआ, वह जन्म से ही नेत्रहीन थे। उनके पिता खेती-बाड़ी का काम किया करते थे।
नेत्रहीन होने के वजह से श्रीकांत की मुसीबतें उनकी उम्र के साथ बढ़ती जा रही थी, स्कूल के दौरान उन्हें तरह-तरह के मुसीबत का सामना करना पड़ रहा था। स्टूडेंट्स उनका मजाक उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे थे और उनके मित्र बनने के लिए भी कोई तैयार नहीं हो रहा था।
परंतु श्रीकांत ने अपनी बढ़ती मुसीबत से परेशान होने के बजाय उनका डटकर सामना किया और अपने जीवन के रूप में हमारे सामने एक मिसाल कायम किया।
श्रीकांत बचपन से ही पढ़ाई में टॉपर रहे हैं और उनका यह सपना था कि वह साइंस लेकर IIT(इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) से पढ़ाई करें परंतु उनकी मुसीबतें कहां काम होने वाली थी।
नेत्रहीन होने की वजह से उन्हें 12वीं में साइंस लेने से मना कर दिया गया लेकिन उन्होंने फिर भी हार नहीं मानी उन्होंने पूरे एजुकेशन सिस्टम के खिलाफ ही केस ठोक दिया और 06 महीने की लड़ाई के बाद आखिर उन्हें साइंस से 12वीं में दाखिला मिला।
श्रीकांत ने 12वीं में 98 प्रतिशत से टॉप किया था। आईआईटी में पढ़ने का सपना मानो जैसे अब पूरा ही होने वाला था लेकिन उनके किस्मत को तो कुछ और ही मंजूर था नेत्रहीन होने की वजह से उन्हें किसी भी आईआईटी कोचिंग में दाखिला नहीं मिल रहा था दसों बार प्रयास करने के बाद भी उन्हें रिजेक्शन का मुंह ही देखना पड़ रहा था। पर वह हार मानने वालों में से कहां थे।
IIT नहीं तो MIT ही सही
आईआईटी में एडमिशन नहीं हुआ तो क्या श्रीकांत अपने मेहनत और लगन के बलबूते पर MIT (Massachusetts Institute of Technology) में एडमिशन लेने में सफल रहे। वह MIT के पहले ब्लाइंड इंटरनेशनल स्टूडेंट बने। उन्हें उनके प्रतिभा के आधार पर कई जॉब ऑफर मिले परंतु उन्होंने भारत आकर स्टार्टअप करने का फैसला लिया।
दिव्यांगजनों के बेहतर जीवन के लिए किया प्रयास
साल 2011 में उन्होंने समन्वय केंद्र की स्थापना की, जिसमें उन्होंने एक ब्रेल प्रिंटिंग प्रेस शुरू की, जो दिव्यांगजनों के बेहतर जीवन के लिए प्रयासरत है। साल 2012 में श्रीकांत ने बोलैंट इंडस्ट्रीज (Bollant Industries) की स्थापना की और बाद में उन्हें रतन टाटा से भी फंडिंग मिली। कंपनी नगरपालिका के कचरे या गंदे कागज से पर्यावरण-अनुकूल पुनर्नवीनीकरण क्राफ्ट पेपर का उत्पादन करता है। बोलैंट ने अपनी स्थापना के बाद से प्रतिमाह औसतन 20% की असाधारण वृद्धि दिखाई है और वर्ष 2018 में कंपनी ने 150 करोड़ रुपये का कारोबार किया था। अप्रैल 2017 में श्रीकांत बोल्ला को फोर्ब्स पत्रिका द्वारा पूरे एशिया में 30 अंडर 30 की सूची में नामित किया गया था, वे उस सूची में केवल तीन भारतीयों में से एक थे।
श्रीकांत एपीजे अब्दुल कलम से भी मिल चुके हैं। 2020 में श्रीकांत लीड इंडिया द सेकेंड नेशनल यूथ मूवमेंट के सदस्य बन गए। इसे भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के द्वारा ही शुरू किया गया था। इसका प्रयास भारत से गरीबी और अशिक्षा और रोजगारी को खत्म कर एक विकसित राष्ट्र बनाने का है।
श्रीकांत की पर्सनल लाइफ की बात करे तो साल 2022 में Srikant ने स्वाति से शादी की और वह अभी एक बेटी के पिता भी है ।
राजकुमार राव की यह फिल्म SRIKANT सिनेमा घरों में 10 मई को रीलीज होगी।